Wednesday, August 8, 2018
Construction of Grand Ram Temple Begins in Thailand's 'Ayutthaya' Abhinav Pandey
Bangkok: After an elaborate 'bhumi poojan' ceremony, the construction of a 'grand Ram temple' was begun today by the Ram Janmabhumi Nirman Nyas Trust in Ayutthaya in Thailand, a senior functionary of the organisation said. The temple would help spread the message of Lord Ram outside India, he said.
"After performing rituals of bhumi poojan, the construction of a grand Ram temple has been started in Ayutthaya. As there is delay in the construction of a Ram temple in Ayodhya with the matter pending in the Supreme Court, we, the devotees of Ram, have started construction of a temple here," Ram Janmabhumi Nirman Nyas Trust president Mahant Janmejay Sharan told PTI over the phone from Bangkok.
We expect the the decision of the apex court will come soon in our favour and we will start the construction of the temple in Ayodhya, Sharan said.This temple (in Ayutthaya) will pave way for the temple in our own Ayodhya, he added.
I expect the construction in Ayodhya will start before Kumbh-2019, Sharan said. He said the construction of the temple in Thailand will establish India as 'vishwa guru' (world leader) at the intellectual level and help spread the message of Lord Ram globally.
The Ram temple is being constructed on the bank of Chao Phraya river which flows through the heart of Bangkok.
It is said that in the 15th century, the capital of Thailand was a city called Ayutthaya, which is Ayodhya in the local language.
When Burmese soldiers overran this city in the 18th century, a new king rose. He called himself Rama I, established the city now known as Bangkok, wrote the epic Ramakien, which is Ramayana in the local language, made it the national epic, and got it painted as murals on the walls of the Temple of the Emerald Buddha, patronised by the royal family, it is believed.
Though he was a Buddhist, the king established his royal credentials by identifying himself with Lord Ram, who was as much a hero for Buddhists of south-east Asia as he was for the Hindus of south Asia.
भक्तों के लिए खुशखबरी: बैंकाक में होने जा रहा है भव्य राम मंदिर का निर्माण
बैंकाक: राम भक्तों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। रसिक पीठाधीश्वर व जानकी घाट बड़ा स्थान के महंत श्री जन्मेजय शरण महाराज के नेतृत्व में थाईलैंड स्थित अयोध्या में पवित्र सोराय नदी के तट पर भव्य राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है।
महंत श्री जन्मेजय शरण महाराज के नेतृत्व में भारत से गए राम भक्तों दुष्यंत सिंह (अंर्तराष्ट्रीय आयोजक), विष्णु प्रताप सिंह चौहान (समाज सेवी), वेद प्रकाश ( समाज सेवी), विजय जैन (समाजसेवी) व थाईलैंड के अप्रवासी भारतीय पवन मिश्रा ( समाजसेवी), दिग्विजय सिंह ( समाजदसेवी) व अन्य लोगों ने थाईलैंड स्थित अयोध्या में पवित्र सोराय नदी के तट पर ऐतिहासिक अंर्तराष्ट्रीय राम मंदिर के निर्माण की घोषणा की व भूमि पूजन कार्यक्रम में भाग लिया।
इस मौके पर महंत श्री जन्मेजय शरण महाराज ने सारी दुनिया के सनातन धर्म प्रेमियों, समस्त हिंदुओं व सूर्यवंशियो का आहवान करते हुए उनसे मदिंर निर्माण के सहयोग व समर्थन कर अपील की। उन्होंने बताया कि भारत में कानूनी रूप व संवेधानिक बाध्यताओं की वजह से आ रही अड़चनों से अयोध्या में मंदिर निर्माण नहीं हो रहा है। इस वजह से प्रभु श्री राम के भक्तों में क्षोम की भावना जागृत हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह मंदिर बनने से राम भक्तों में एक नई उमंग और जोश जागृत होगा। इसलिए श्री राम की प्रेरणा से प्रभु की नगरी में अंतर्राष्ट्रीय श्री राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय श्री राम मंदिर न्यास के प्रवक्ता दुष्यंत सिंह ने कहा,” पूज्य जन्मेजय शरण जी जैसे संत के निर्देशन में प्रभु श्री राम का कार्य करने का सौभाग्य बड़े नसीब से मिलता है। इस सपने को भारत की 130 करोड़ जनता जी रही है। उसे इस काम से आनंद मिलेगा।” वहीं महामंत्री विष्णु प्रताप चौहान ने कहा कि यह सपना सिर्फ भारत की जनता की नहीं, बल्कि सारे विश्व के हिंदुओँ व श्री राम के प्रशंसकों का है।
संगठन के सचिव वेद प्रकाश ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रभु श्री राम की सेना की तरह ही श्री जन्मेजय शरण महाराज के नेतृत्व में राम भक्तों की फौज खड़ी कर दी जाएगी। थाईलैंड में मंदिर न्यास के अध्यक्ष पवन मिश्रा ने बताया कि अप्रवासी भारतीयों के लिए विशेषकर पूर्वांचल वासियों के लिए ये बेहद गौरव की बात है कि प्रभु श्री राम का मंदिर आयोध्या में उनके सहयोग से बनेगा।
वहीं महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि थाईलैंड में राम भक्तों की फौज है, जो प्रभु कार्य में जुटकर इस अंतर्राष्ट्रीय सपने को एक साकार करेगी।
कौन हैं महंत जन्मेजय शरण:–
रसिक पीठाधीश्वर व जानकी घाट बड़ा स्थान अयोध्या के पीठाधीश्वर व महंत जन्मेजय न केवल भारतीय संत समाज व आध्यात्मिक जगत का एक जाना माना नाम है, बल्कि श्री राम मन्दिर न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है।
इस योगी संत ने अपना सारा जीवन भारतीय आध्यात्म व प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दिया है। सभी शंकराचार्य व अखाड़ों से संरक्षित व संचालित सनातन धर्म के रक्षकों में श्री जन्मेजय शरण एक प्रमुख नाम है। किशोरी जानकी जी के चरणों में समर्पित इस संत ने माता सीता के सामने प्रभु श्री राम के भव्य निर्माण का संकल्प लिया है, क्योंकि भारत में कुछ कानूनी व संवैधानिक बाध्यता है इस लिए थाईलैंड स्थित प्रभु श्री राम की भूमि अयोध्या में सोराय नदी के तट पर भव्य श्री राम मंदिर के निर्माण का संकल्प एवं साहसी व प्रशंसनीय कदम है।
अयोध्या में मंदिर निर्माण में कुछ लोगों द्वारा की जा रही घोर बाधाओं के परिचय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभु श्री राम पर हो रही चर्चाओं से व्यथित होकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ही भव्य मंदिर निर्माण का संकल्प भारत को आध्यात्मिक रूप से जहां एक ओर विश्व गुरू बनाने की ओर एक ठोस कदम होगा। वहीं दूसरी ओर प्रभु श्री राम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जन-जन तक पहुंचेंगे, यही है महंत जन्मेजय शरण का सपना। इसमें उनके सारथी हैं दुष्यंत सिंह, जोकि एक अंतर्राष्ट्रीय शख्सियत है। वही विष्णु प्रताप सिंह चौहान एक बेहद कर्मठ समाजसेवी व राजनैतिक व्यक्तित्व है। वहीं थाईलैंड में पवन मिश्रा अध्यक्ष व दिग्विजय सिंह महासचिव का दायित्व सम्भाल रहें हैं।
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